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प्रधानमंत्री मोदी ने 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में ट्रांसफर किए 16 हजार करोड़ रुपए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी को किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त जारी की। कर्नाटक के बेलगावी से 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में किस्त ट्रांसफर की गई। 13वीं किश्त के रूप में 16 हजार करोड़ रुपए किसानों को दिए गए। इस योजना के तहत सरकार हर साल किसानों के अकाउंट में 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तों में 6000 रुपए ट्रांसफर करती है।

अगर किस्त नहीं आई है तो क्या करें?

अगर आपको इस योजना के रजिस्ट्रेशन में कोई परेशानी आ रही है, या आपकी किस्त से जुड़ी कोई समस्या है, या कोई और अन्य सवाल है तो इसके लिए आपको PM किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर फार्मर कॉर्नर में हेल्प डेस्क पर जाना होगा।

हेल्प डेस्क पर क्लिक करने के बाद यहां आप अपना आधार नंबर, अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें। गेट डिटेल्स क्लिक करने पर क्वेरी फॉर्म आ जाएगा। यहां ड्रॉप डाउन में अकाउंट नंबर, पेमेंट, आधार और अन्य समस्याओं से जुड़े ऑप्शन दिए गए हैं। अपनी समस्या के हिसाब से इसे चुने और नीचे इसका विवरण भी लिखे। अब इसे सब्मिट करें।

किसानों में हर साल मिलते हैं 6 हजार रुपए

इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें, साल में (कुल 6000 रुपए), दी जाती हैं। स्कीम के तहत पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच, दूसरी किस्त अगस्त-नवंबर के बीच और तीसरी किस्त दिसंबर-मार्च के बीच जारी की जाती है। इस योजना की शुरुआत 2019 में किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए की गई थी।

योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।

PM किसान योजना में सभी किसानों को मिलता है फायदा

शुरुआत में जब पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है।

PM किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।

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